Tuesday, October 29, 2013

आज फिर उनसे मुलाकात हो गयी

आज फिर उनसे मुलाकात हो गयी
दिल से दिल की चुपके से बात हो गयी !!

डर था, भीड़ बहुत है, निगाहें कमज़ोर हैं 
मगर उस खुशबू से उनकी पहचान हो गयी !!

किसी ने एक लफ्ज़ भी न कहा
मगर पलकों में सवाल-जवाब हो गयी !!

हिदायत मिली थी दूर रहने की
मगर नज़रें मिली, तो फिर से हिमायत हो गयी !!

कुछ दबी हुई हसरतें दम तोड़ती थीं
उनकी पलकें झुकीं, तो सारी बेनकाब हो गयी !!

नदी थक कर रवानी छोड़ चुकी थी
किस्मत थी, कि अगले ही मोड़ पर वो समंदर हो गयी !!




1 comment:

Anonymous said...

kuchh bhi