चलते फिरते रास्तों पे पड़ाव नया मिले
जज़्बातों के दरिया को घुमाव नया मिले
दिन धूप जलना चाँदनी रात पिघलना
अँधेरे उजाले के जंग को लहकाव नया मिले
जो फिसलना मुक्क़दर हो राहे इश्क़ में, तो
ज़माने की नज़र के लिए चढ़ाव नया मिले
हमने जाना है मजा-ए-फ़ाक़ा-मस्ति मगर
ज़ायका परस्ती में कोई घाव नया मिले
गुफ़्तगू हुई तनहाई से सारी रात
तन्हा सफर में इसे पड़ाव नया मिले
मुंतज़िर हैं साहिल पे हमारी हसरते तमाम
हक़ीक़त से लड़ते सपनों को बहाव नया मिले
मिट जो जायें राहे इंतज़ार में यूँ ही बेमाने
ज़माने को चर्चा और मनबहलाव नया मिले
मुख़्तसर है दुनिया मुख़्तसर ज़िन्दगानी
दिलखोल मिले सबसे कुछ ठहराव नया मिले
जज़्बातों के दरिया को घुमाव नया मिले
दिन धूप जलना चाँदनी रात पिघलना
अँधेरे उजाले के जंग को लहकाव नया मिले
जो फिसलना मुक्क़दर हो राहे इश्क़ में, तो
ज़माने की नज़र के लिए चढ़ाव नया मिले
हमने जाना है मजा-ए-फ़ाक़ा-मस्ति मगर
ज़ायका परस्ती में कोई घाव नया मिले
गुफ़्तगू हुई तनहाई से सारी रात
तन्हा सफर में इसे पड़ाव नया मिले
मुंतज़िर हैं साहिल पे हमारी हसरते तमाम
हक़ीक़त से लड़ते सपनों को बहाव नया मिले
मिट जो जायें राहे इंतज़ार में यूँ ही बेमाने
ज़माने को चर्चा और मनबहलाव नया मिले
मुख़्तसर है दुनिया मुख़्तसर ज़िन्दगानी
दिलखोल मिले सबसे कुछ ठहराव नया मिले
No comments:
Post a Comment